क्यों बेस्ट है:
Archita Phukan Viral AI Video केस: पूरी सच्चाई
Table of Contents
- 1. इंस्टाग्राम अकाउंट वायरल
- 2. वेरिफिकेशन और फॉलोअर्स
- 3. सब फर्जी निकला
- 4. Archita से नाम जोड़ा गया
- 5. पूर्व प्रेमी की साजिश
- 6. नौकरी छोड़ी
- 7. ₹10 लाख की कमाई
- 8. Kendra Lust मोर्फिंग
- 9. Archita की शिकायत
- 10. गिरफ्तारी
- 11. सबूत जब्त
- 12. पहली बड़ी चेतावनी
- 13. नाम बदला गया
- 14. रहस्यमय पोस्ट
- 15. वायरल वीडियो
1. इंस्टाग्राम अकाउंट वायरल
“Babydoll Archi” नाम से बना अकाउंट तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक लड़की के ग्लैमरस वीडियो ने लाखों दर्शकों को आकर्षित किया।
2. वेरिफिकेशन और फॉलोअर्स
Instagram ने इस प्रोफाइल को ब्लू टिक वेरिफिकेशन दिया और इसके 1.4 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हो गए।
3. सब फर्जी निकला
पुलिस जांच में सामने आया कि ये सब एक AI जनरेटेड कैरेक्टर था – असल में ऐसी कोई लड़की थी ही नहीं।
4. Archita से नाम जोड़ा गया
AI प्रोफाइल में जिस नाम का उपयोग किया गया वह था “Archita Phukan”, जो कि आरोपी की एक्स गर्लफ्रेंड का नाम था।
5. पूर्व प्रेमी की साजिश
Archita के एक्स-बॉयफ्रेंड Pratim Bora ने यह फर्जी प्रोफाइल बदला लेने और पैसे कमाने के लिए बनाई थी।
6. नौकरी छोड़ी
Pratim ने सरकारी नौकरी छोड़ी और AI टूल्स से वीडियो/इमेज बनाकर सोशल मीडिया पर कंटेंट डालता रहा।
7. ₹10 लाख की कमाई
ब्रांड्स और पेड पोस्ट से आरोपी ने ₹10 लाख से अधिक की कमाई की।
8. Kendra Lust मोर्फिंग
AI से वीडियो में Kendra Lust जैसी स्टार्स के चेहरे मिलाए गए थे ताकि ज्यादा वायरल हो।
9. Archita की शिकायत
नाम के दुरुपयोग पर Archita ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
10. गिरफ्तारी
12 जुलाई 2025 को पुलिस ने आरोपी Pratim Bora को गिरफ्तार किया।
11. सबूत जब्त
लैपटॉप, मोबाइल, बैंक डिटेल्स, और फर्जी Gmail अकाउंट भी जब्त किए गए।
12. पहली बड़ी चेतावनी
यह मामला भारत में AI deepfake के दुरुपयोग का पहला बड़ा उदाहरण बना।
13. नाम बदला गया
Archita ने प्रोफाइल से Babydoll नाम हटाकर “Amira Ishtara” रख लिया।
14. रहस्यमय पोस्ट
Archita ने सिर्फ एक cryptic पोस्ट डाली – जिसमें न स्वीकार किया, न इनकार।
15. वायरल वीडियो
पहली reel वीडियो जिसमें वह साड़ी पहनने का ट्रांसफॉर्मेशन करती है – वही सबसे पहले वायरल हुई थी।
🔚 निष्कर्ष:
AI और सोशल मीडिया की ताकत का गलत इस्तेमाल न केवल किसी की पहचान और छवि को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि यह समाज में गंभीर साइबर खतरे भी उत्पन्न करता है।